बलूचिस्तान समस्या : विशेष चर्चा

बलूचिस्तान के लोग हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बनने से पहले आजाद थे और वे कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं रहे। लेकिन पाकिस्तान बनने के बाद इस्लाम के नाम पर इस हिस्से को भी पाकिस्तान का हिस्सा बना लिया गया लेकिन लोगों में अलगाव और पृथकता की भावना बनी रही। दूसरी ओर, पाक ने बलूचिस्तान में चलने वाले अलगाववादी आंदोलन को दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना का सहारा लिया जिसने स्थानीय लोगों पर तरह-तरह के अत्याचार किए और इस अशांति के लिए पाकिस्तान, हिंदुस्तान को दोषी ठहराता है। यहां 1970 के दशक में पाकिस्तान से अलग होने के संघर्ष में पांच वर्षों की अवधि में कम से कम 8000 बलोचों की हत्या की गई। आज भी आपको सड़क किनारे पर लाशें पड़ी मिल जाएंगी। रहस्यमय सामूहिक कब्रों का पता लगता है जिनमें से बड़ी संख्या में नरकंकाल निकलते हैं। ये कंकाल उन बलोच नेताओं और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के हैं जो कि पिछले एक दशक में गायब हो गए हैं। ऐसे लोगों की संख्या 10 हजार से भी अधिक बताई जाती है.>> Read more…<<


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साभार: Web दुनिया


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