होली-विशेषांक: एक शिक्षक की कलम से…

साभार : 25 फ़रवरी-10 मार्च,जयवीर भारत विशाल

दिव्यांग पुरुष क्रिकेट विश्व कप में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को रौंदते हुए भारतीय टीम द्वारा लगातार दूसरी बार इस कप पर कब्ज़ा ज़माने पर भारतीय टीम को चिरकालिक शुभकामनायें साथ ही आप सबों को रंगों के महोत्सव एवं हर्ष-उल्लास तथा मिलन के महापर्व होली की हार्दिक शुभकामनायें।

क्या बात करें साहब कुछ समझ में नहीं आता पर शुरुआत कैशलेस से ही की जाय।कैशलेस का उपयोग जैसे ही मेरे गृहनगर बेतियावासियों ने शुरू किया दुकानदारों एवं जिला मुख्यालय से दुरी वाले पेट्रोल पम्पों द्वारा 2% से 3% तक सर्विस चार्ज वसूली की जाने लगी है जिस कारण बेतिया के साथ ही बेतिया जैसे भारत के अन्य छोटे शहरों के निवासियों की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं क्योंकि अब तो नकद जमा-निकासी पर भी बैंक वाले ट्रांजैक्सन चार्ज वसूलने की तैयारी में लगे हैं।मतलब साफ है कैशलेस को हर कोई दबाने में लगा है क्योंकि कैशलेस से होने वाले सारी आर्थिक क्रियाएं आयकर विभाग के राडार पर आ जायेंगी और कोई भी अपनी वास्तविक आमदनी आयकर विभाग एवं सरकार को बताना नहीं चाहता है।कैशलेस का विरोध करने वाले दो ही लोग हैं पहला काला धन वाला एवं दूसरा अनपढ़ व्यक्ति।काला धन वाले की समस्या का समाधान तो फ़िलहाल दीखता नजर नहीं आता है पर भीम(भारत इंटरफेस फॉर मनी) द्वारा अनपढ़ व्यक्ति अपना कार्य आसानी से कर सकता है।केंद्र सरकार द्वारा आधार संख्या को ही बैंक के रूप में उपयोग करने की घोषणा से भी अनपढ़ व्यक्तियों को कैशलेस का उपयोग करने में काफी आसानी होगी।

उत्तरप्रदेश में सियासी पारा पूरी तरह चढ़ा हुआ है।अनायास ही महानायक अमिताभ बच्चन को मोहरा बनाने की कोशिश तक भी की गई हालाँकि महानायक को कोई नुकसान तो नहीं हुआ पर उन्हें बिना मतलब के ही जुबानी जंग में शामिल किया गया और तो और बेचारे गधे तक को भी नहीं छोड़ा गया।मुझे तो समाजवादी पार्टी द्वारा यह पता लगा की गदहे भी उत्तरप्रदेश,गुजरात,महाराष्ट्र या बिहार के निवासी हो सकते हैं।आज तक तो ये बेचारे गदहे ही थे।

खैर जो भी हो फगुनाहट की बयार मुझपर इतनी हावी हो चुकी है की नवम्बर-2016 से वेतन बकाया होने के बावजूद मैं मदमस्त हूँ क्योंकि आजकल मैं दसवीं एवं बारहवीं की वार्षिक परीक्षा-2017 में वीक्षण-कार्यन जो कर रहा हूँ और प्रतिदिन(लगभग 10 घंटे से भी ज्यादा के लिए) के हिसाब से मुझे 125 रूपये पारिश्रमिक जो मिलेंगे। बिहार में तकलीफ तो उनको हो रही है जिनकी होलीं बिना दो-चार घूंट के मनती ही नहीं थी।

तो आइये होली के रंग में रंग जाइये और जमके होली खेलिए।अपने दिल के सारे मैल इस होली में धो डालिए।पर जरा संभलकर………आँखों में रंग न जाने पाए और साथ ही जोर-जबरदस्ती वाली होली से बचने की कोशिश कीजियेगा क्योंकि ये जानलेवा भी हो सकता है…..और हाँ ये जोर-जबरदस्ती वाली होली मुझे भी पसंद नहीं।चलिए फिर मिलते हैं लेकिन होली के रंग का मजा लिजियेगा जरूर…..

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