बजट-विशेषांक (2017-18) : एक शिक्षक की कलम से…

साभार : 10-25 फ़रवरी,जयवीर भारत विशाल

केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के वितमंत्री के बजट भाषण के पूर्व सांसद ई अहमद के आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि के साथ ही 2017-18 का बजट पेश हुआ।

मुंबई शेयर बाजार ने बजट जबरदस्त स्वागत करते हुए एक दिन में अब तक का सबसे लम्बा छलांग भी लगाया साथ ही नेशनल स्टॉक ने भी उछाल मारी तो सोना और चांदी भी बढ़-चढ़ कर झूमे।बजट बजट 2017-18 में कई परम्पराओं से हट कर कार्य करते हुए केंद्र की सरकार ने एक लोक लुभावन बजट पेश किया है।1924 के बाद पहली बार रेल बजट को समाप्त करते हुए एकल बजट पेश हुआ और एक तरह से अंग्रेजों द्वारा चली आ रही औपनिवेशिक परंपरा को समाप्त किया गया।चुनाव पूर्व बजट पर विशेष ध्यान देते हुए नरेन्द्र मोदी सरकार ने कई घोशणाएँ तो की परन्तु पुरानी घोषणाओं पर की गई कार्यवाही क्या रही ये मुझे समझ में नहीं आ सकीं या हो सकता की यह सिर्फ अर्थशास्त्रियों को ही समझ आये परन्तु एक अध्यापक के नाते मैं तो यही कह सकता हूँ की चाहे लाख कौशल विकास हो जाये पर नौकरियों का क्या ??? उन पर भी कुछ कार्य हो तो बेरोजगारी घटे।सिर्फ रोजगार के अवसर पैदा कर देने भर से देश के युवा रोजगारोन्मुखी नहीं हो सकते क्योंकि आज भी भारतीय जनमानस नौकरी को ज्यादा तरजीह देता है हालाँकि सरकार ने 600 से ज्यादा जिलों में कौशल विकास केंद्र खोलने की बात कही है जिसके द्वारा 3.5 करोड़ युवा लाभान्वित भी होंगे।

खैर जो भी हो सरकार को सबसे पहले अपने नागरिकों की मानसिकता बदलनी होगी ताकि आम जनमानस में रोजगार के प्रति जागरूकता पैदा हो सके।

कुल बजट जिसमें 2 लाख 74 हजार करोड़ का रक्षा बजट है साथ ही सरककर के पिटारे में गाँव के हालातों को सुधारने की घोषणा भी है जिसके तहत 10 हजार करोड़ के कोष से 1.5 लाख गाँव में किफायती स्तर पर ब्रॉड-बैंड लगाये जायेंगे।2019 तक 1 करोड़ बेघरों को घर देने का लक्ष्य भी वितमंत्री ने तय तो किया है पर कितनों को अपना आशियाना मिल पायेगा यह अभी भविष्य के गर्त में है।कृषि एवं कृषकों हेतु 1 लाख 87 हजार करोड़ का बजट है जो पिछली बजट की अपेक्षा 24 फीसदी ज्यादा है।दुग्ध-उत्पादन हेतु नए कोष की भी घोषणा की गई है जो काफी प्रशंसनीय कदम है।किसानो की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य भी सरकार ने रखा है अब गौर करने वाली बात यह है की यह कैसे होगा ??? कॉन्ट्रैक्ट कृषि हेतु नए नियम की घोषणा पर क्या नियम बनते हैं यह भी देखने वाली बात होगी।

केंद्र सरकार द्वारा दो नए अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान खोलने की घोषणा के साथ ही मेडिकल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षा एजेंसी की घोषणा भी की गई है साथ ही गर्भवती महिलाओं को 6000 रूपये देने की घोषणा  भी है।सरकार ने बजट में 2018 तक कुष्ठ,2020 तक चेचक और 2025 तक टीबी के उन्मूलन का लक्ष्य तय तो किया है लेकिन सरकार को यह ध्यान देना होगा की पोलियो-अभियान की तर्ज पर यदि कार्य किया जाय तब कहीं जाकर ये सारे लक्ष्य पुरे हो पाएंगे।

प्रधान डाकघरों से भी पासपोर्ट बनवाने की सुविधा काफी अच्छी पहल है इन्हीं सबों के बीच ससमय आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करने पर जुर्माने के प्रावधान से सरकार ने आमदनी की एक नयी गुंजाईश निकलने की कोशिश भी की है।विकसित देशों की तर्ज पर 50 लाख से 1 करोड़ तक की आय वालों से 10% अतिरिक्त सरचार्ज और 1 करोड़ से ज्यादा की आय वालों से 15% अतिरिक्त सरचार्ज लेंने से भी केंद्र सरकार के खजाने में वृद्धि तो होगी परन्तु अभी भी संगठित और असंगठित क्षेत्र के कुल 9.8 करोड़ कामगारों में से मात्र 3.55 करोड़ ही आयकर रिटर्न  दाखिल करते हैं जो सरकार के लिए चिंता का विषय भी है।मध्यम वर्ग का ख़ास ख्याल रखते हुए सरकार ने 2.5 लाख से 5 लाख तक आय पर मात्र 5.15% कर लेने की घोषणा भी की है जो नोटबंदी के बाद मध्यम वर्ग के लिए एक सुकून भरा फैसला है।

तम्बाकू एवं तम्बाकू से बने पदार्थों को महंगा किया गया है तो ई-रेल टिकट,स्वाइप मशीनों को सस्ता करते हुए केंद्र सरकार ने तकनीक को बढ़ावा देने का कार्य किया तो है परन्तु बजट के दिन ही सॉफ्टवेयर कंपनियों के शेयरों के दामों के गिरने से थोड़ी चिंता भी सता रही है।

विद्यालयों में विदेशी भाषाओं के पढाई की घोषणा भी हुई साथ ही सालाना पढाई की जाँच की भी योजना लाई जाएगी जिससे पढाई का स्तर भी सुधर सकेगा।

मनरेगा के लिए अब तक का सबसे बड़ा आवंटन भी वितमंत्री ने दिया हालाँकि ये और बात है की प्रधानमंत्री ने मनरेगा को कांग्रेस की विफलता का जीता जागता प्रमाण तक कह डाला था साथ ही सफ़ेद हाथी तक की संज्ञा भी दी थी।इस बजट ने राजनीतिक दलों पर अंकुश लगाने की कोशिश भी की है साथ ही सेना के जवानों को यात्रा के लिए रेलवे वारंट से मुक्ति एक सराहनीय प्रयास है साथ ही 3500 KM नयी रेल लाइन बिछाने का कार्य भी किया जायेगा।2020 तक सभी मानव रहित रेलवे समपार फाटक को खत्म कर दिया जायेगा।यात्री सुरक्षा के लिए 1 लाख करोड़ के कोष की घोषणा से हर्ष तो है लेकिन सुरक्षा के लिए टिकट पर अतिरिक्त सरचार्ज लगाने की घोषणा भी है जो दिल को थोडा दर्द भी दे गया क्यूंकि संभव है की जल्द ही रेल-टिकट के दाम बढ़ जायेंगे।

जो भी हो बजट लोक-लुभावन तो रहा पर यदि भविष्य में सही ढंग से कार्य हो गया तो यह बजट कमाल का हो सकता है।

बजट के पूर्व विपक्षियों द्वारा थोडा हंगामा भी किया गया हालाँकि ये अलग बात है की बजटीय-भाषण के वक्त सोनिया गाँधी,मुलायम सिंह यादव,मनोहर पर्रीकर,मेनका गाँधी जैसे नामी राजनेता-सांसद संसद कक्ष से नदारद दिखे।

चलिए कोई बात नहीं मैं तो बजट पर कितना कार्य हो पाता है इसी इंतजार में रहूँगा पर आप भी कुछ करते ही रहिये क्योंकि बिना कर्म किये कुछ मिलता कहाँ है और कुछ नहीं तो नयी टीवी ही ले लीजिये सस्ता जो हो गया है।अब कितना सस्ता ??? ये तो बाजार में ही मालूम हो पायेगा और मन नहीं है तो कोई बात नहीं;मेरी कुछ और बातूनी अंदाज का मजा लेने हेतु आगामी लेख का इंतजार ही कर लीजिये।

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